जिला पंचायत सदस्य नीलिमा श्याम एवं उनके युवा संगठन ने बोर्ड परीक्षार्थियों को पेन वितरित कर बच्चो का परीक्षा के प्रति बढाया मनोबल जिला बालोद, छत्तीसगढ़
जिला पंचायत बालोद क्षेत्र क्रमांक 11 की नवनिर्वाचित सदस्य नीलिमा श्याम ने अपने युवा संगठन के साथ मिलकर एक अनूठी पहल की है। उन्होंने अपने क्षेत्र के गाँवों में 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के बोर्ड परीक्षाओं को लेकर उन्हें निःशुल्क पेन वितरित कर उनका मनोबल बढ़ाया और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। यह कार्यक्रम उनकी शिक्षा के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो कोरोना काल से भी पहले से गाँव के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के माध्यम से जारी है।
शिक्षा अभियान का उद्देश्य
नीलिमा श्याम का मानना है कि छोटी-छोटी सहायता भी बच्चों के सपनों को पंख दे सकती है। उन्होंने कहा, “परीक्षा के दौरान एक अच्छा पेन न सिर्फ लिखने की गति बढ़ाता है, बल्कि आत्मविश्वास भी देता है। हम चाहते हैं कि हर बच्चा बिना किसी कमी के अपनी पूरी क्षमता के साथ परीक्षा दे सके।”
कार्यक्रम का विस्तार
यह पहल उनके नेतृत्व में युवा संगठन के सदस्यों द्वारा संचालित की गई, जिसमें निम्नलिखित गाँवों के छात्र-छात्राएँ शामिल हुए:
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गाँव: घोटिया, साल्हे, गुजरा, भैसबोड़, बिटाल, चिखली, चिपरा, खलारी
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लाभार्थी: 10वीं और 12वीं कक्षा के 500+ छात्र-छात्राएँ
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वितरित सामग्री: हाई-क्वालिटी पेन, और परीक्षा तनाव प्रबंधन के टिप्स
युवा संगठन की सक्रिय भूमिका
इस अभियान की सफलता में नीलिमा श्याम के समर्पित युवा संगठन के सदस्यों का योगदान अहम रहा। इन युवाओं ने गाँव-गाँव जाकर बच्चों तक सामग्री पहुँचाई और उन्हें प्रेरित किया:
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अनिल टेकाम
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दीनू
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डिंपल
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प्रवीण देवांगन
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नवीन सलाम
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युवराज नेताम
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खेमचंद सिवना
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तुलाराम गौर
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सुमेश्वर ताराम
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गीतेश कचलाम
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राजू कचलाम
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गीतेश नागपुरिया
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शैलेंद्र माहला
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तुषार कचलाम
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केशव दास मानिकपुरी
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कमल उइके
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देवेंद्र कचलाम
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रविंद्र ध्रुवे
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उत्तम साहू
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भावेंद्र साहू
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कविता साहू
नीलिमा श्याम: शिक्षा की मसीहा

नीलिमा श्याम का समाजसेवा का सफर कोरोना काल से भी पहले शुरू हुआ। वे अपने गाँव गुजरा में बच्चों को निःशुल्क कोचिंग देकर उन्हें शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने के लिए जानी जाती हैं। उनके प्रयासों के कारण कई बच्चों ने बोर्ड परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन किया है।
कोरोना काल में शिक्षा का दीप जलाया
लॉकडाउन के दौरान जब स्कूल बंद थे, तब नीलिमा ने अपने घर के आँगन में छोटे समूहों में कक्षाएँ चलाईं। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का पालन करते हुए, उन्होंने गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषयों में बच्चों की मदद की।
कार्यक्रम का प्रभाव
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छात्रों का उत्साह: 12वीं की छात्रा प्रिया ने बताया, “मैम ने न सिर्फ पेन दिया, बल्कि हमें आत्मविश्वास दिया कि हम अच्छा कर सकते हैं।”
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अभिभावकों की प्रतिक्रिया: गुजरा गाँव के रमेश साहू ने कहा, “ऐसे प्रयासों से गाँव के बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ी है।”
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शिक्षकों की सराहना: स्थानीय शिक्षक ने इसे “समाज की मानसिकता बदलने वाला कदम” बताया।
भविष्य की योजनाएँ
नीलिमा श्याम ने जिला पंचायत सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल में निम्नलिखित लक्ष्य निर्धारित किए हैं:
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डिजिटल शिक्षा: गाँवों में स्मार्ट क्लासेस और ऑनलाइन लर्निंग टूल्स की सुविधा।
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स्कॉलरशिप योजना: आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए सहायता।
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महिला साक्षरता अभियान: किशोरियों और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए विशेष कैंप।
समाज के लिए संदेश
नीलिमा श्याम का समाज से आह्वान है: “शिक्षा ही वह हथियार है जो गरीबी, असमानता और अंधविश्वास को तोड़ सकता है। आइए, हर बच्चे को पढ़ने का अवसर दें।”